मोदी सरकार: 2014 से लेकर अब तक क्या बदला?
मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभाली और नीतियाँ तेज़ रफ़्तार से लागू हुईं। कई बड़े फैसले जैसे नोटबंदी, जीएसटी और स्वच्छता अभियान जनता में चर्चा का विषय बने। कुछ नीतियाँ संगठित करने में काम आयीं जबकि कुछ में विवाद भी उठा। अगर आप जानना चाहते हैं कि ये नीतियाँ आपकी जेब और रोज़मर्रा पर कैसे असर डालती हैं, तो यह पेज मदद करेगा।
आर्थिक असर और योजनाएँ
सरकार ने डिजिटल पेमेंट, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप पर जोर दिया। जीएसटी ने टैक्स सिस्टम एक किया लेकिन छोटे व्यापारियों के लिए अनुकूलन मुश्किल रहा। नोटबंदी ने नकदी की उपलब्धता घटाई और कुछ समय के लिए खांसी-खड़खड़ा प्रभाव दिखाया। प्रत्यक्ष लाभ जैसे सस्ते गैस सिलेंडर या किसान योजनाओं का लाभ सीधे खाते में भेजने का प्रयास हुआ। बेरोज़गारी और रोजगार के आंकड़े मिश्रित रहे; कुछ सेक्टरों में बढ़ोतरी और कुछ में कमी देखी गई।
लोकल सेवाएँ और सामाजिक पहल
स्वच्छ भारत, उज्ज्वला गैस योजना और बहुतेरी स्वास्थ्य व शिक्षा की पहलें जमीन पर असर दिखाने लगीं। ग्रामीण इलाकों में शौचालय और गैस कनेक्शन मिलने से रोज़मर्रा की ज़िन्दगी बदलने लगी। सरकार की डिजिटल पहलें जैसे आधार और डिजिटल इंडिया ने सेवाएँ तेज कीं पर निजता और डेटा सुरक्षा पर बहस भी हुई। महिला सशक्तिकरण और बैंकिंग तक पहुँच के प्रयासों का फायदा कई घरों तक पहुँचा है।
आलोचना भी साथ रही। नीतियों के लागू होने के तरीके, बोलचाल में कट्टरता और विरोध पर प्रतिक्रिया अक्सर सुर्खियों में रही। विपक्ष और कुछ विशेषज्ञ आर्थिक संकेतकों और स्वतंत्र संस्थाओं की स्वतंत्रता पर चिंता जताते रहे। मीडिया, न्यायपालिका और नागरिकों के बीच संतुलन पर यह चर्चा जारी है।
चुनावी नतीजे बताते हैं कि कई राज्यों में जनता ने सरकार को समर्थन दिया और कुछ स्थानों पर विरोध दर्ज किया। वोटिंग पैटर्न, स्थानीय मुद्दे और कार्यकुशल बहुत मायने रखते हैं; राष्ट्रीय नीतियाँ हर क्षेत्र में एक जैसी असर नहीं दिखातीं।
अगर आप सक्रिय नागरिक बनना चाहते हैं तो व्यक्तिगत कदम आसान हैं। सरकारी योजनियों की वेबसाइट और अपने इलाके के प्रतिनिधि से संपर्क कर आप जानकारी और शिकायत दर्ज करा सकते हैं। स्थानीय समाचार और गणना पैटर्न को पढ़ें ताकि आपके वोट और आवाज का सही इस्तेमाल हो सके।
अंत में सरकार के फैसले आपकी रोज़मर्रा जिंदगी पर सीधे और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से असर डालते हैं। अच्छे और बुरे पहलू दोनों पर खुलकर बात करना ज़रूरी है ताकि नीतियाँ सुधर सकें। इस टैग पेज पर आप मोदी सरकार से जुड़ी ताज़ा खबरें, विश्लेषण और पाठकों की राय पढ़ते रहिए।
बुनियादी ढाँचे में बड़े निवेश हुए हैं; सड़कें, रेल और बंदरगाह परियोजनाओं पर काम तेज हुआ। विदेश नीति में भारत की उपस्थिति मजबूत हुई, खासकर पड़ोसी देशों और वैश्विक मंचों पर। कृषि सुधार और MSP पर विवाद चला, कई किसान आंदोलनों ने नीति चर्चा को प्रभावित किया। पर्यावरण और जलवायु के मसले पर सरकार ने कुछ पहलें कीं पर आलोचना और अधिक पारदर्शिता की मांग रही। समझदारी से सूचना जुटाएँ, सरकारी आँकड़े और स्वतंत्र रिपोर्ट दोनों पढ़ें, और अपने फैसले के लिए तथ्य पर भरोसा रखें। बात करें, सवाल पूछें और अपने वोट का इस्तेमाल करें।
मोदी सरकार ने एयर इंडिया को बचाने क्यों नहीं सकी?
मोदी सरकार ने एयर इंडिया को बचाने की कोशिश नहीं की थी. उन्होंने इसके बजाय कई अन्य यात्रा और उड़ान के उत्पादन को बढ़ाया था. कई लोगों को लगता है कि प्रधान मंत्री ने अपने इस उत्तर प्रदेश के राजनीतिक लाभ के लिए कुछ अधिक कर सकते थे. कुछ लोगों का मानना है कि मोदी सरकार ने ये देश को बचाने के लिए कई समस्याओं से बचाने के साथ-साथ एयर इंडिया को भी बचाने का सुझाव दिया होता. हालांकि वे अपनी कोशिश नहीं कर पाये.