मुंबई में सीएनजी आपूर्ति बंद: चेंबुर में गैल पाइपलाइन क्षति से 486 स्टेशन बंद, 18 नवंबर दोपहर तक बहाल का अनुमान
मुंबई की सुबह की भीड़ आज बिल्कुल अलग तरह से शुरू हुई। ऑटो रिक्शा खड़े थे, बेस्ट बसें बंद थीं, टैक्सी चालक डीजल के लिए लंबी लाइन में खड़े थे। कारण? महानगर गैस लिमिटेड के 486 सीएनजी स्टेशन एक साथ बंद। ये सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं थी — ये एक बड़ी अनदेखी आपात स्थिति थी, जिसकी जड़ गैल (Gas Authority of India Limited) की एक पाइपलाइन के चेंबुर में स्थित राष्ट्रीय रसायन एवं उर्वरक सीमा (RCF) के भीतर हुए नुकसान से जुड़ी थी।
क्या हुआ? एक तीसरे पक्ष की गलती ने बंद कर दी मुंबई की सीएनजी आपूर्ति
गुरुवार, 17 नवंबर 2025 को दोपहर 2:58 बजे, RCF के भीतर एक तीसरे पक्ष के ठेकेदार की निर्माण गतिविधियों के दौरान गैल की एक मुख्य पाइपलाइन को नुकसान पहुंचा। यह पाइपलाइन, महानगर गैस लिमिटेड के वडाला सिटी गेट स्टेशन को सीएनजी आपूर्ति करती थी — जो फिर पूरे मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) के 486 स्टेशनों तक पहुंचती थी। जैसे ही पाइपलाइन टूटी, आपूर्ति बंद। सब कुछ ठहर गया।
इसका असर तुरंत दिखा। मुंबई के 3 लाख से ज्यादा सीएनजी वाहन — ऑटो रिक्शा, टैक्सी, बेस्ट बसें, और निजी कारें — अचानक फंस गए। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय विमानक्षेत्र के बाहर यात्री फंस गए। ऑफिस और स्कूल के लिए जाने वाले लोगों की दिनचर्या बिगड़ गई। कुछ लोगों ने बताया कि डीजल टैक्सी के किराए दोगुने हो गए।
घरों की आग के लिए गैस तो बनी रही — पर वाहनों की गैस बंद
यहां एक अहम बात: महानगर गैस लिमिटेड ने स्पष्ट किया कि घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) की आपूर्ति पूरी तरह बनी रही। ये एक जानलेवा फैसला था। जब आपकी रोज की रोटी बनाने के लिए गैस बंद हो जाए, तो वो आपात स्थिति होती है। लेकिन जब आपकी कार या ऑटो बंद हो जाए, तो वो असुविधा है। दोनों के बीच का अंतर भारतीय नीति के अनुसार स्पष्ट है — खाने की गैस पहले, गाड़ियों की गैस बाद में।
इसलिए जब दिन भर लोग बसों के लिए लाइन में खड़े थे, तो घरों में चूल्हे पर चूल्हा जल रहा था। ये अलग-अलग प्राथमिकताएं बताती हैं कि हमारी ऊर्जा नीति किस तरह से बनी है।
कौन जिम्मेदार? और कैसे हुआ ये नुकसान?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, RCF के भीतर काम कर रहे तीसरे पक्ष के ठेकेदार ने गलती से पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाया। ये एक ऐसी गलती है जिसकी तारीख पहले भी आई है — 2022 में नवी मुंबई में एक निर्माण टीम ने एक सीएनजी पाइपलाइन को खोदते समय नुकसान पहुंचाया था। उस बार भी 12 घंटे तक आपूर्ति बंद रही।
लेकिन आज का मामला अलग है। क्योंकि ये नहीं कि एक छोटी सी पाइपलाइन टूटी — ये मुंबई के सीएनजी नेटवर्क का एकमात्र आपूर्ति स्रोत था। गैल की यही पाइपलाइन है जो महानगर गैस को गैस देती है। अगर ये टूट गई, तो सब कुछ रुक गया।
क्या हो रहा है? रिपेयर का तेज़ अभियान
रात भर दोनों कंपनियों — गैल और महानगर गैस लिमिटेड — के टेक्निशियन एक साथ काम कर रहे। गैल की टीम चेंबुर में पाइपलाइन की मरम्मत कर रही थी, जबकि महानगर गैस की टीम वडाला में सिस्टम को री-कनेक्ट करने के लिए तैयार थी।
महानगर गैस ने एक आधिकारिक बयान जारी किया: “मरम्मत कार्य जारी है और गैस आपूर्ति का पुनर्स्थापन 18 नवंबर, दोपहर तक किया जाने की उम्मीद है। इससे हुई असुविधा के लिए क्षमा याचना की जाती है।”
ये तारीख एक आशा की किरण है। लेकिन ये भी सवाल है — अगर ये आज नहीं हुआ, तो क्या होगा? क्या शहर को अगले 24 घंटे और इंतजार करना पड़ेगा?
क्यों ये सब अहम है? मुंबई की सीएनजी नीति का अंतर्निहित खतरा
मुंबई में 70% से ज्यादा ऑटो रिक्शा और 40% से अधिक टैक्सी सीएनजी से चलती हैं। बेस्ट बसें के 1,500 से ज्यादा वाहन सीएनजी पर चलते हैं। ये नीति वातावरण के लिए अच्छी थी — कम उत्सर्जन, कम प्रदूषण। लेकिन इसका एक बड़ा खतरा भी था: एकल बिंदु विफलता।
जब एक ही पाइपलाइन पूरे शहर की आपूर्ति निर्भर हो जाए, तो वो एक बहुत बड़ा जोखिम है। जैसे कि एक ही तार से पूरा शहर जुड़ा हो। एक गलती — सब कुछ बंद।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल उठाया: क्या हम इतनी बड़ी आपूर्ति नेटवर्क को एक ही लाइन पर निर्भर रख सकते हैं? क्या हमारे पास बैकअप सिस्टम नहीं हैं? क्या गैल और महानगर गैस ने इस जोखिम को कभी नकारा नहीं?
अगला कदम? लंबे समय तक की तैयारी
अगर ये घटना दोबारा होती है — तो क्या होगा? शहर को दोबारा दो दिन रुकना पड़ेगा? नहीं। अब तक ये सिर्फ एक तकनीकी त्रुटि लग रही थी। लेकिन इसके बाद ये एक नीतिगत असफलता बन जाएगी।
अधिकारियों को अब दो काम करने होंगे: पहला — एक बैकअप पाइपलाइन की योजना बनाना। दूसरा — तीसरे पक्ष के ठेकेदारों के लिए जांच और जिम्मेदारी का नियम बनाना।
क्या ये सब अब तक हुआ? नहीं।
और यही बात है जो आज की घटना को बस एक दिन की असुविधा नहीं बनाती — बल्कि एक चेतावनी बनाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महानगर गैस ने घरों की गैस आपूर्ति क्यों बरकरार रखी?
महानगर गैस ने घरों की पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) आपूर्ति को प्राथमिकता दी, क्योंकि यह खाना पकाने और गर्मी के लिए आवश्यक है। इसके विपरीत, सीएनजी एक यातायात ईंधन है, जिसकी आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया। इस तरह की प्राथमिकता भारतीय ऊर्जा नीति में निर्धारित है — आवश्यक उपयोग को अग्रेषित किया जाता है।
इस घटना के बाद ऑटो और टैक्सी चालकों को क्या नुकसान हुआ?
लगभग 3 लाख सीएनजी वाहन एक दिन के लिए बंद रहे। ऑटो चालकों का औसत दैनिक आय 800-1,200 रुपये होता है — इस दिन वे लगभग 2,500 करोड़ रुपये की आय खो बैठे। कई ने डीजल टैक्सी के लिए ड्राइविंग शुरू की, लेकिन उनके लिए ईंधन की कीमतें भी बढ़ गईं।
क्या गैल ने पहले भी ऐसा नुकसान किया है?
हां, 2022 में नवी मुंबई में एक निर्माण टीम ने गैल की पाइपलाइन को खोदते समय नुकसान पहुंचाया था, जिससे 12 घंटे तक सीएनजी आपूर्ति बंद रही। 2020 में भी बांद्रा में एक बड़ी नली टूटी थी। लेकिन आज का मामला सबसे बड़ा है — क्योंकि ये पूरे MMR को छू रहा था।
क्या बेस्ट बसें के लिए विकल्प थे?
बेस्ट ने 300 से अधिक बसों को डीजल पर चलाने के लिए तैयार किया, लेकिन डीजल की कमी के कारण उनकी आपूर्ति भी सीमित रही। कुछ बसें आधी यात्रा के बाद रुक गईं। इससे सुबह के समय 40% से अधिक यात्री देरी से पहुंचे। राज्य सरकार ने अभी तक कोई विशेष योजना नहीं बनाई है।
क्या भविष्य में ऐसी घटना दोहराई नहीं जा सकती?
हां, अगर बैकअप पाइपलाइन नहीं बनाई जाए। अभी तक महानगर गैस के पास दूसरा आपूर्ति स्रोत नहीं है। गैल के पास चेंबुर के अलावा और कोई बड़ा स्रोत नहीं है। अगर यही जगह फिर से नुकसान का शिकार हुई, तो शहर फिर से बंद हो सकता है।
क्या इस घटना के बाद कोई जांच शुरू हुई?
हां, राष्ट्रीय रसायन एवं उर्वरक सीमा (RCF) ने एक आंतरिक जांच समिति बनाई है। गैल ने भी एक टीम भेजी है। लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं हुई है। ये जांच कितनी तेजी से होगी, यह अभी अनिश्चित है।