भारत की इस ताक़त को देखकर काँप उठेगा पाकिस्तान !!

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भारतियों  के लिए खूशी की ख़बर है और पाकिस्तान के लिए बेहद बुरी ख़बर है । पहली बार वायुसेना दिवस के मौक़े पर अपने ही देश में निर्मित और पूर्ण स्वदेशी लड़ाकू विमान अपनी ताक़त दिखाने वाला है ।बता दें कि वायु सेना के 84वें दिवस पर जब भारतीय तेजस उड़ान भरेगा तो पाकिस्तान को पता चलेगा और अहसास होगा कि भारत लिए पाकिस्तान में कहीं भी घुसकर आतंकी कैंपों को नेस्ताबूद करना  मुश्किल नहीं है।

हम आपको बता देते हैं और दावा करते हैं कि 8 अक्टूबर को हिंडन एयरबेस पर जब वायुसेना की 45वीं स्क्वॉर्ड्रन फ्लाइंग डैगर्स पहली बार भारत के लोगों के सामने तेजस की झलक दिखाएगी तो चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन का दिल कांप रहा होगा। ग़ौरतलब है कि अभी तक वायुसेना ने तेजस का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं किया है  लेकिन इस वायु सेना दिवस पर पर तेजस, मिराज, जगुआर और सुखोई के साथ उड़ान भरेगा।

पाकिस्तान से कुछ दिन पहले खबर आई थी कि युद्ध की आहट से डर कर पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में अपने दूसरी पीढ़ी वाले और तेजस से कमत्तर F-16 लड़ाकू विमान उड़ाए थे। काफ़ी सारे पाकिस्तानी जर्नलिस्ट और वहाँ की जनता ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी डाली थीं। लेकिन अब पाकिस्तान के पुराने JF-16 को तेजस की गूंज से करारा जवाब मिलेगा। 8 अक्टूबर को भारत देश तेजस की ताकत देखेगा। आप देखिएगा तेजस का तेज देखकर पाकिस्तान और चीन की ब्लड प्रेशर बढ़ ज़रूर बढ़ जाएगा ।

आईए देखते हैं पाकिस्तानी थंडर और तेजस में कौन है बेहतर 

१- पाकिस्तानी थंडर केवल 2,039 किमी तक उड़ान भर सकता है जबकि हमारा तेजस 2300 किमी तक।
२- पाकिस्तानी थंडर की ईंधन क्षमता केवल 2300 लीटर है जबकि स्वदेशी तेजस की क्षमता 2500 लीटर है।
३- बड़ी बात ये है कि पाकिस्तानी थंडर में हवा में ईंधन भरना हो तो ये फुस्स हो जाएगा जबकि तेजस में भरा जा सकता है।
४- थंडर के उड़ान भरने के लिए 600 मीटर लंबा रनवे चाहिए जबकि तेजस को केवल 460 मीटर का ही चाहिए ।
५-मज़बूती की बात करें तो थंडर एल्यूमीनियम और स्टील से बना है जबकि तेजस को बनाने के लिए कार्बन फाइबर का इस्तेमाल हुआ है। इसका साफ़ मतलब है कि तेजस पाकिस्तानी लड़ाकू विमान से कहीं ज्यादा हल्का और मजबूत है।
६- पाकिस्तानी विमान की कमज़ोरी ये है कि  भारी धातु से बने थंडर को रडार से आसानी से पकड़ा लेगा पर  लेकिन तेजस को पकड़ना मुश्किल ही नहीं बेहद मुश्किल है।
७- तेजस बिना पकड़ में आए जब चाहे दुश्मन की सीमा में अंदर तक घुसकर वहां चल रहे आतंकवादी कैम्पों पर प्रिसिशन सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है । आतंकवादी कैम्पों को ध्वस्त कर मिनटों में वापस अपने देश आ सकता है। अगर दुश्मन सामने आ भी जाए तो मल्टीरोल तेजस हवा से हवा में मार कर उनको वहीं नेस्ताबूद कर सकता है इसके साथ ही हवा से जमीन पर भी दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकता है। यही नहीं चौथी पीढ़ी से आगे का ये एलसीए तेजस दुशमन देश पर परमाणु हमला करने की भी क्षमता रखता है।

भारत का सुपरसॉनिक लड़ाकूस्वदेशी विमान तेजस जिसको बनाने में भारतीय कम्पनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिडेट को १ नहीं २ नहीं बल्कि पूरे 30 साल लगे हैं। जान लें कि तेजस को दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमान होने का गौरव भी हासिल है  और यही वजह है कि तेजस से ना सिर्फ वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ी है बल्कि ये दुनिया में भारत की शान का प्रतीक बन गया है । हर भारतीय से हम गुज़ारिश करते हैं कि तेजस से जुड़ी ये महतवपूर्ण जानकारी आपको ख़ुद भी पढ़नी चाहिए और अपने परिवार   के सभी सदस्यों और सभी मित्रों के साथ ज़रूर share करनी चाहिए ।

क्यूँकि हमारा ये मानना है कि स्वदेशी तकनीक और अपने देश में बने इस विमान के होने के  गौरव का अहसास हर भारतीय के मन में होना चाहिए । क्या आपको ये जानकार गर्व की अनुभूति हो रही हैं ?