मुंबईः अरब सागर में चल रहे नौसैन्य अभ्यास के दौरान मंगलवार रात और बुधवार सुबह सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की बराक-8 मिसाइल (एलआर-एसएएम) का आईएनएस कोलकाता से सफल परीक्षण किया गया। तेज गति वाले लक्ष्यों पर दो मिसाइलें दागी गईं। इन मिसाइलों से सटीक ढंग से अपने लक्ष्यों को भेदा। बराक-8 मिसाइल (Barak missile) भारत और इस्राइल के संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित की गई है। इस्राइली पोतों से इसके दो परीक्षण पहले ही सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं और यह पहली बार है जब परीक्षण भारतीय पोत से किया गया है।
Barak missile
ये हैं Barak missile कि खासियत –
बराक-8 मिसाइल फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन जैसे कम से लंबी दूरी तक के विभिन्न हवाई खतरों से रक्षा के लिए डिजाइन की गई है।
इसमें अत्याधुनिक मल्टी मिशन रडार, द्विमार्गी डाटा लिंक और एक सुगम कमान तथा नियंत्रण प्रणाली है जो इसे दिन और रात में तथा सभी मौसमों में एक साथ कई लक्ष्यों को ध्वस्त कर डालने में सक्षम बनाती है। मिसाइल प्रणाली का विकास संयुक्त रूप से आईएआई, डीआरडीओ और इजरायल के एडमिनिस्ट्रिेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ वेपंस एंड टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्टक्चर, एल्टा सिस्टम्स, राफेल तथा अन्य कंपनियों द्वारा किया जा रहा है।
90 किलोमीटर तक लक्ष्य भेदने की क्षमता –
लंबी दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले बराक-8 प्रक्षेपास्त्र के पास 70 से 90 किलोमीटर के दायरे में लक्ष्य भेदने की क्षमता है। किसी भी तरह के आसमानी खतरे से रक्षा के लिए इस प्रक्षेपास्त्र का निर्माण किया गया है। हवाई जहाजों और हेलीकॉप्टरों के अलावा यह सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों और प्रक्षेपास्त्रों को भी मार गिरा सकता है।
परमाणु आयुध ढोने में सक्षम –
यह परमाणु आयुध ढोने में सक्षम है। इसका वजन 2.7 टन और लंबाई 4.5 मीटर है। जिला प्रशासन ने परीक्षण केंद्र के आसपास 2.5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले करीब 3500 लोगों को अस्थाई तौर पर अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया था। बराक-8 मूल रूप से बराक-1 प्रक्षेपास्त्र पर आधारित है, लेकिन लक्ष्य को खोजने में यह उससे बेहतर है।